बीता था हॉस्टल में जो कल
याद आ रहा है वो एक एक पल
फच्चा period में वोह seniors को 90 मारना
रोज़ सुबह उठ कर jogging के लिए जबरदस्ती जाना
seniors से बचने क लिए PCO पर लाइन लगाना
interaction period खत्म होने का बेसब्री से इंतजार करना
फ़िर freshers night में वो सबको मिष्ठी दही खाना-खिलाना
seniors-juniors के साथ वो water fight
it didn't matter whether it was day or night
events के लिए देर रात जग कर तय्यारी करना
अगले दिन सुबह क्लास में जाकर 1st बेंच पर सोना
events के time वो गला फाड़ कर cheering करना
फ़िर अगले event के लिए vicks और strepsils खाना
वो exams में दोस्तों से नोट्स मांगना
वो किसी topper को exam से पहले class लेने के लिए मानना
फ़िर उस class में आधे समय इधर उधर की बकर करना
exams के दिनों में वो रात को खेलने जाना
कभी volley, कभी basky तो कभी baddy खेलना
वो summers में summer job के नाम hostel में रुकना
कुछ नही करना बस prof के पास attendence लगा लौट आना
hostel में आकर फ़िर एक के बाद एक movies देखना,
RoadRash खेलना, गप्पे लड़ना और खूब सोना
वो hostel के खाने से दूर भागना
Maddu या दम आलू वाले दिन मेस में न घुसना
वो सस्सी, वो HFC, वो KL पर lunch और dinner
कुछ नही तो उपहार, मेज़बान & जायका are always there
जब मन नही हो रहा हो इंडियन खाने का,
pizzatime का 1+1 Free पिज्जा ऑफर लेने का,
then chinese was also an option available at chanakya
sizzlers, momos, choupsey और न जाने क्या क्या
वही चाणक्या में रात को movies देखना,
25 Rs की टिकट लेकर सीट के लिए दौड़ना,
अगले दिन फ़िर वही बोरिंग क्लास और वही labs में टाइमपास
लेकिन इस रूटीन से होता नही था मन कभी उदास
भुलाये नही भूलती वो पुणे, गोवा वाली industrial trip
then Goa Express वाली वो यादगार journey,
जब अचानक आ गई थी छक्को की कंपनी
10 min के लिए create हो गया था जो scene
i am sure भूले नही होंगे लोग वो दिन
फ़िर trip के वो दस दिन जिसमे थी visits केवल तीन,
लोगो का महाबलेश्वर, लोनावाला और मुंबई जाना,
लेकिन गोवा जाने से पहले वापस लौट आना
then गोवा में बिताये 3 दिन, जो निकले visits के बिन
restlessly bikes पर घूमना और beaches पर नहाना
आखरी दिन train में बैठते ही फ़िर सबका सो जाना
देखते ही देखते निकल गए साढ़े तीन साल
और शुरू हो गए कैम्पस में कंपनियों की चाल
job treat पर लोगो का पीना और नाचना
और फ़िर अचानक ये सब ख़तम हो जाना
पता न चला कैसे चला गया लास्ट मेजर
और आ गया हमारा hostel में वोह आखरी दिन
एक एक करके वोह दोस्तों का घर जाना
और माहौल वो थोड़ा सा heavy होना
याद अभी भी है hostel का वो एक एक पल
बीता था यारो के साथ जो कल
4 comments:
parag ur blog is 2 much nice dude...........
itz so amazing......dear kaiose likh lete ho itna aacha.............very very nice.........
n
superb,rocking,fultush......mast..........
Good one, yaar. You have covered almost everything. Keep it up.
written frm heart........college ki yaad aa gayee hai
एक दम मस्त यार, खास कर ये दो लाईन..
वो exams में दोस्तों से नोट्स मांगना
वो किसी topper को exam से पहले class लेने के लिए मानना
फ़िर उस class में आधे समय इधर उधर की बकर करना .....
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